शुभ रविवार ॐ सूर्य देवाय नमः
सूर्योदय की पावन बेला सूर्य देव को है प्रथम प्रणाम, नैसर्गिक यह लालिमा से प्रभु मेरा तुम करो कल्याण.
शुभ रविवार ॐ सूर्य देवाय नमः
हे! सूर्य देव, मेरे अपनो को
यह पैगाम देना, खुशियों का दिन
हँसी की शाम देना, जब कोई पढे प्यार से
मेरे इस पैगाम को, तो उन को चेहरे पर
प्यारी सी मुस्कान देना।
शुभ रविवार ॐ सूर्य देवाय नमः
सूर्योदय की पावन बेला सूर्य देव को है प्रथम प्रणाम नैसर्गिक यह लालिमा से प्रभु मेरा तुम करो कल्याण.
प्यारी-सी सुबह का प्यारा सा नमस्कार
शुभ रविवार ॐ सूर्य देवाय नमः
मैं सूर्य भगवान के उस श्रेष्ठ स्वरूप प्रातः समय का स्मरण करता हूं, जिसका मंडल ऋग्वेद है, तनु यजुर्वेद है और किरणें सामवेद हैं तथा जो ब्रह्मा का दिन है, जगत की उत्पत्ति, रक्षा और नाश का कारण है तथा अलक्ष्य और अर्चित्यस्वरूप है।
शुभ रविवार ॐ आदित्याय नमः
एहि सूर्य! सहस्त्रांशो! तेजो राशे! जगत्पते! अनुकम्प्यं मां भक्त्यागृहाणार्घ्य दिवाकर!
अर्थ- हे सहस्त्रांशो! हे तेजो राशे! हे जगत्पते! मुझ पर अनुकंपा करें। मेरे द्वारा श्रद्धा-भक्तिपूर्वक दिए गए इस अर्घ्य को स्वीकार कीजिए, आपको बारंबार शीश नवाता हूं।
शुभ रविवार ॐ आदित्याय नमः
ॐ असतो मा सद्गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमय। मृत्योर्मामृतं गमय ॥ ॐ शान्ति शान्ति शान्तिः ॥
” हे प्रभु हम सभी को असत्य से सत्य की राह दिखाना,
हम सभी को अज्ञानता से ज्ञान की ओर ले जाना,
हम सभी को मृत्यु से अमरत्व की तक ले चलना।
ॐ शांति शांति शांति।”
शुभ रविवार ॐ आदित्याय नमः
आदित्यस्य नमस्कारं ये कुर्वन्ति दिने दिने। जन्मान्तरसहस्रेषु दारिद्र्यं नोपजायते ।।
अर्थ : जो लोग सूर्यको प्रतिदिन नमस्कार करते हैं, उन्हें सहस्रों जन्म दरिद्रता प्राप्त नहीं होती।
शुभ रविवार ॐ सूर्य देवाय नमः
ॐ मित्राय नमः । ॐ रवये नमः । ॐ भानवे नमः। ॐ खगाय नमः । ॐ पूष्णे नमः। ॐ अर्काय नमः। ॐ मारीचाय नमः। ॐ आदित्याय नमः । ॐ सावित्रे नमः। ॐ भास्कराय नमः। ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
शुभ रविवार ॐ सूर्य देवाय नमः
जो है जगत का पालनहार, सात घोड़ों की है जिनकी सवारी, न कभी रुके, न कभी देर करे, ऐसे है हमारे सूर्य देव, आओ मिलकर करे उनकी पूजा.
शुभ रविवार ॐ जय सूर्य भगवान
सारथी अरूण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी । तुम चार भुजाधारी ॥
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटी किरण पसारे। तुम हो देव महान।
शुभ रविवार ॐ जय सूर्य भगवान,
जय हो दिनकर भगवान ।
जगत् के नेत्र स्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा ।
धरत सब ही तव ध्यान, ऊँ जय सूर्य भगवान ॥